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हमारा घर........ हो सबसे सुंदर हमारा घर, देख- देख सब जल- भुन जाए, हो ऐसा प्यारा हमारा घर, दूर शहर से इंद्रधनुष सा, साजा हो कलियां फूलों से, मन मरा चाहे ऐसा घर, घर की चोटी पर हो एक मन्दिर, छुए जब सूरज की किरण, चमक उठे चांदी सा घर, सोच- सोच में डूब जाऊं, कब होगा ऐसा हमारा घर, उत्तर में विशाल झील , आगे जंगल वनचर हो, कहे हदय धक- धक करके, होगा एक दिन ऐसा घर, देखे झरोखों से झरना , वही से होगा पानी भरना, हैं सबकी कल्पना हमारा घर , सबका होए ऐसा घर।।
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